दीपावली हमारा सबसे पुराना त्यौहार है और ये त्रेता युग के पहले से मनाया जाता है,
सच्चाई ये हैं की इसी दिन माता लक्ष्मी जी का समुन्द्र मंथन से प्रादुर्भाव हुआ था और इसी दिन उनका विवाह भगवन विष्णु से हुआ था। इसलिए दिवाली माता लक्ष्मी के जन्मोत्सव और विवाह दिवस के रूप में मनाया जाता है इसिलए इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
अब आज कल एक नयी ही कहानी चल रही है की फिर इस दिन भगवान गणेश की पूजा क्यों की जाती है, चलिए इसको भी जानने की कोशिस करते हैं।
एक : भगवान गणेश की पूजा हर पूजे में सबसे पहले की जाती है इसके बारे में तो सबको मालूम ही है
दूसरा : भगवान गणेश बुद्धि के देवता भी हैं, और माता लक्ष्मी का वहां उल्लू है, कहा जाता है की जब भी किसी के पास अथाह लक्ष्मी आती हैं तो अपने साथ उल्लू को भी लाती हैं यानि की मनुष्य की बुद्धि भी भ्रष्ट हो जाती है इसलिए इससे बचने के लिए भगवान गणेश की भी पूजा की जाती ह।
तीसरा : हिन्दू धर्म में जब नहीं कोई कन्या विवाह करके पहली बार अपने पति के घर जाती है तो घर की बड़ी और सुहागन महिलाएं दुल्हन की गोदी में कोई छोटा बच्चा डाल के उतरती हैं, इसी तरह जब माता लक्ष्मी अपने विष्णु लोक कोआयीं तब माता पार्वती ने अपने छोटे बेटे गणेश को उनकी गोदी में रखा था तब से माता लक्ष्मी गणेश जो को अपने पुत्र मानती हैं और आशीर्वाद दी थी गणेश जी को की जहा भी मेरी पूजा विष्णु के साथ नहीं होगी वह मेरे साथ मेरे पुत्र गणेश की भी मेरे साथ को पूजा होग। एक बात और धयान दीजिये गणेश जी हमेशा माता के बायीं ओर रहते हैं जैसे की माता अपने पुत्र के साथ रहती है
तो आईये हम अपने आने वाली पीढ़ी को अपने त्योहारों का सही ज्ञान दे उन्हें अपने धर्म ग्रंथो को पढ़ने के लिए उत्शुक करें, ताकि उन्हें आगे से कोई अपनी बनायीं हुई कहानियों से भरमा न सके।
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